माँ... तेरी आरजू में निःशब्द हूँ मैं तेरी बंदगी में निःस्वार्थ हूँ मैं सजदा करूँ तो करूँ... माँ... तेरी आरजू में निःशब्द हूँ मैं तेरी बंदगी में निःस्वार्थ हूँ मैं ...
प्रेम जगत का सार और कछु सार नहीं है उद्धव ज्ञान कर्म का सत्य। प्रेम जगत का सार और कछु सार नहीं है उद्धव ज्ञान कर्म का सत्य।
मानव मानवता की खातिर जीवन में स्वीकार करो प्रथम प्यार।। मानव मानवता की खातिर जीवन में स्वीकार करो प्रथम प्यार।।
कल्याण जीवन धर्म मर्म मर्यादा महिमा मान संस्कृतियों का अपरिहार्य आवाज।। कल्याण जीवन धर्म मर्म मर्यादा महिमा मान संस्कृतियों का अपरिहार्य आवाज।।
कोई आपको कब खास से, आम कर दे, पता नहीं होता, कोई आपको कब खास से, आम कर दे, पता नहीं होता,
जिसको हमने अपना समझा, उसने हमसे दगा किया। जिसको हमने अपना समझा, उसने हमसे दगा किया।